गाँधी जयंती के पवन अवसर पर कुछ पंक्तियाँ प्यारे बापू को समर्पित
जब कहीं सत्य का जिक्र किया जाता है
नाम तेरा ही होंठों पर आ जाता है
धन्य हो गयी पावन धरा ये
लिया जन्म जब इस महशूर ने
फिरंगियों को जिसने धू ल चटाई
सत्य अहिंसा की भाषा सिखलाई
की वकालत जब स्वाधीनता पर
हो गयी जंग इस भारत धरा पर
तब उसने असहयोग चलाया
साइमन को वापस भिजवाया
ठान लिया की
अंग्रेज़ों से भारत छुड़वाना है
प्रण लिया तब इसने
कर के दिखाओ या मर के दिखाओ
थाम अहिंसा की मसाल
कर दिया उसने कमाल
वो माँस हीन प्राणी इस जग का
बन गया राष्ट्रपिता हम सबका
हुआ जिसके आदर्शों से जीवन धन्य
करता हूँ मैं उसे सत सत नमन
जब कहीं सत्य का जिक्र किया जाता है
नाम तेरा ही होंठों पर आ जाता है
धन्य हो गयी पावन धरा ये
लिया जन्म जब इस महशूर ने
फिरंगियों को जिसने धू ल चटाई
सत्य अहिंसा की भाषा सिखलाई
की वकालत जब स्वाधीनता पर
हो गयी जंग इस भारत धरा पर
तब उसने असहयोग चलाया
साइमन को वापस भिजवाया
ठान लिया की
अंग्रेज़ों से भारत छुड़वाना है
प्रण लिया तब इसने
कर के दिखाओ या मर के दिखाओ
थाम अहिंसा की मसाल
कर दिया उसने कमाल
वो माँस हीन प्राणी इस जग का
बन गया राष्ट्रपिता हम सबका
हुआ जिसके आदर्शों से जीवन धन्य
करता हूँ मैं उसे सत सत नमन
Really Great...
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