हिंदी कविताएं , लेख और कहानियां

Friday, 11 January 2019

स्वामी विवेकानन्द पर हिन्दी कविता

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता (कोलकता) में हुआ। वह सिर्फ स्वामी जी का जन्म ही नहीं अपितु एक महान राष्ट्र निर्माणकर्ता तथा समाज को एक नयी दिशा दिखाने वाली महान आत्मा ने अवतार लिया था। उनके आदर्शो पर जो भी चला है उसने समाज में व सबके हृदयों में अपना एक अद्वितीय स्थान प्राप्त किया है। 
ऐसे महापुरुष की जयंती पर मेरे कलम से कुछ शब्द निकल पड़े -

स्वामी विवेकानंद व उनके अनमोल वचन 
सोयी दुनिया को जगाया
सिंहों को सिंह बनाया 
प्रेम योग हो या भक्ति योग हो
एक रहस्यमयी सूत्र उपजाया
दूसरों के लिए जीना और
नर - पशु में मतभेद बताया
वही आत्मज्ञान का महापुरुष
स्वामी विवेकानंद कहलाया

रुको न जब तक लक्ष्य न पाओ
मन दुर्बलता को दूर भगाओ
इंसानियत का यही मर्म
जीवन पथ पर हो सत्कर्म
सोच लो तो शैतान बनो
सोच लो तो इंसान बनो
आत्म भक्ति ही शक्ति का दर्पण दर्शाया
इंसानियत का धर्म सिखलाया
वही ज्ञानी महापुरुष
स्वामी विवेकानंद कहलाया

नव भारतवर्ष का निर्माण
नव आत्म ज्ञान की उत्पत्ति
सत हृदय ईश्वर की भक्ति 
कर अग्रसर नवरक्त वाहकों को
एक उत्कृष्ठ राष्ट्र का बीड़ा उठाया
हां वही महात्मा इस जग का प्यारा 
स्वामी विवेकानन्द कहलाया

                                                                   
                                                     - नूतन पथ (मयंक)

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13 comments:

  1. Kapilendra Singh Chauhan5 September 2019 at 05:17

    स्वामी विवेकानंद मुझे अति प्रिय हैं, और उनकी कर्मपरायणता, उत्कृष्टता, जोश,तेज, मेधा शक्ति का संक्षिप्त में परिचय देती कविता भी उत्तम है।

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  2. Swami Vivekananda ki cavita achi lagi

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  3. This comment has been removed by the author.

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  4. Very nice poem 👍

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  5. Very nice written

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