देख तेरे गुलज़ार में आगोश का पैगाम आया है
अब गुफ्तगू करले उन गुलबदन नयनों से
पता है अब तेरे दिल में हैरानियत का साया है
लेकिन घबराने की कोई ज़रूरत नहीं
जो सिर्फ तेरा अपना है वही तेरे पास आया है
हासिया नहीं होगा मेरे सफर-ए-इश्क़ का
तेरी अदा ही मेरी शोभना है
अब तो मेरी दिल-धरा पर पूरब का चांद उतर आया है।
No comments:
Post a Comment