हिंदी कविताएं , लेख और कहानियां

Thursday, 19 July 2018

जीवन गान

एक और कदम हिंदी साहित्य की ओर -

इस कविता में ईश्वर और हमारे बीच के दैनिक संबंध को दर्शाने का प्रयास किया गया है प्रथम चार पंक्तियां ईश्वर को समर्पित , द्वितीय चार पंक्तियां ईश्वर द्वारा श्रृष्टि के निर्माण में प्रकाश डाला गया है उसके उपरांत की चार पंक्तियां हमारे जीवन को तथा अंत की चार पंक्तियों में ईश्वर से उज्ज्वल भविष्य व सफल जीवन की प्रार्थना की गई है।

विशेष :- इस कविता में मैंने अधिकतर अपने सहपाठियों के नामों का उपयोग करके अपनी रचना को सफल बनाने का प्रयास किया है।



सफल अनुराग के
विपुल धरणीधर
पाकर आशीष तुम्हारा
पुलकित हो जाता तृण-तृण

मुदित-मन से रचा हुआ
यह छविमय संसार है
रिद्धि , सिद्धि और कल्पनाओं का
अनुमोदित विशाल भंडार है

प्रशांतमय वातावरण में जब
प्राचिकोटी में उगा प्रभाकर
अंकुरित हुईं अनंत आशाएं
सत् धारी बन नव जीवन पथ पर

अछूता रहे तिमिर राह से
प्रभा - ज्ञान का संवहन हो
एक ही अभिलाषा है, हे! करुणानिधि
इस जीवन का एक सफल मंचन हो

- नूतन पथ का बंजारा



-: Thank you :-

2 comments:

Being a human

 इस मृत्युलोक में मानव का सबसे विराट वहम यह है कि वह जो देख रहा उन सब चीजों का मालिक बनना चाहता है और वो भी सदा के लिए। मन में एक लालसा बनी ...