जब तुम किसी से प्यार करो और वो भी तुम्हारी भावनाओं को समझ ले, लेकिन दोनों मूक रहें..
तब वो Romio कहेगा-
सोचा अपने हृदय को आबाद करूँ
बीते हुए कल को आज शबाब करूँ
क्यों चली जाती हो दूर यूँ रसीली मुस्कानें देकर
थोड़ा ठहर जाओ पास तो कुछ बात करूँ
तअल्लुक नहीं था कोई मेरा
तुझे मेरी ओर खींचने का
फिर भी ये नटखट दिल कहता है
तेरी धमनियों और शिराओं से मुलाक़ात करूँ
छिपी हुई है जिसमें मेरी रातों की करवटें
क्यों मैं तकिये को सीने से मिलाप करूँ?
रच रखा है ऐसे जज़्बातों को एक पात में
वक़्त मिले कभी तो मैं तुझे सौगात करूँ
Bohot hi badiya likha hai....
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