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Wednesday, 18 October 2017

DIWALI SPECIAL ( DEDICATED TO OUR SOUL )

इस दिवाली के पावन पर्व पर मैं आप लोगो के लिए लाया हूँ एक DIWALI SPECIAL ( DEDICATED TO OUR SOUL ) कविता जिसमे मैं आप लोगों से सदैव कर्मशील रहने की आशा करता हूँ और अपने भीतर के अंधकार को दूर करके ना ना प्रकार के दीपों से अपने हृदय को सजाएं। 
साथ ही मेरी तरफ से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें। 
                                                   WISH YOU A HAPPY DIWALI 



दिल में  शमा जला , जीवन रौशन बना रहे 
पीर की शिला मिटा , जेब खाली न रहे 
तोड़ दे उन बेड़ियों को , खोल दे उस लंगर को 
जो रोकती थी तैरने में , धरा पार समंदर को 
खुशियों की बरसात हो , प्यार की जगमगाहट हो 
हो सृजन चमन उस महा कर्मयोग का 
गर दे करताल इस जग में , भभक उठे सूरज उस नभ का 
कर खड़ा एक लौह स्तम्भ , अविचलित आशाओं का 
हो न समर्पित तकदीरों पर , ये तो अपना खिलौना है 
खेल उन मुश्किलों से , चूर कर तकरारों को 
लहरा विजय की पताका यह जिंदगी का जीना है। 

ONCE AGAIN HAPPY DIWALI............Thank you

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