हिंदी कविताएं , लेख और कहानियां

Wednesday, 28 February 2018

शायरी

मेरा एक दोस्त की उदासी:-

आंधियों से टूटा है पत्ता वो कहीं तो गिरेगा
सालों से मुरझाया है तेरा खूबसूरत चेहरा वो कभी तो खिलेगा
तू बस अपनी मोहब्बत को अधूरा मत समझना ये मेरे दोस्त
अगर पहला प्यार बिछड़ा है तो कोई दूसरा तो मिलेगा


मेरे दोस्त का इजहार:-

वो इतवार ही क्या जिसमें ऑफिस का पीछा न छूटे
वो दाम्पत्य ही क्या जिसमें झगड़ा ही हांडी न फूटे
अगर इश्क़ है तो इश्क़ का इजहार भी करो मगर बचकर
क्यूंकि वो इज़हार ही क्या जिसमें आपकी बत्तीसी न टूटे






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