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Thursday, 1 February 2018

प्रभात कालीन बेला

आज कई दिनों बाद उगता सूरज देखकर पता नहीं क्यों ऐसा लगा कि उस दृश्य से सुंदर और कोई दृश्य नहीं हो सकता
लगभग 5 महीने बाद मैं उगने हुए सूरज को देख रहा था शायद ये आज का दिन मेरे लिए एक दिव्य दिवस होना चाहिए। शायद मैंने आज साक्षात ईश्वर के दर्शन किए मैं धन्य हो गया।




कौन कहता है
मोती सिर्फ़ समंदर की कोख में होते हैं
कौन कहता है 
हीरे से ज्यादा कुछ चमकदार कोई  नहीं होते
आंखे खोलकर देखो
तो सच जान जाओगे
जो आजतक नहीं माना
वो सच भी मान जाओगे
क्या - क्या राज छिपे हैं
इस मासूम जहां में
खोता रहा को मोती
नींद के आंचल में खोकर
वही अद्विक मोती आज सुबह
नजर आया उगते सूरज की पनाह में

    -mksharma

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