हिंदी कविताएं , लेख और कहानियां

Tuesday, 2 January 2018

आज का प्रशासन


दोस्तों आज इस प्रशासन के हालात हमारे पूज्यनीय दादा जी (श्री रामकृष्ण ) द्वारा रचित कुछ पंक्तिओं के माध्यम से समझते हैं  की आज इस युग में हमारा प्रसाशन कैसा है ?

करत - करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान 
और बाद में खींचते कानन तीर कमान 
कानन तीर कमान खींचते देखे कई मिनिस्टर 
जिनके आगे भैंस बराबर होता काला अक्षर 
नेतागीरी करते - करते घाघ हो गए 
पहले थे बकरी अब मानो बाघ हो गए 

                                                                                 -पूज्यनीय दादा जी (श्री रामकृष्ण)

No comments:

Post a Comment

Being a human

 इस मृत्युलोक में मानव का सबसे विराट वहम यह है कि वह जो देख रहा उन सब चीजों का मालिक बनना चाहता है और वो भी सदा के लिए। मन में एक लालसा बनी ...