हिंदी कविताएं , लेख और कहानियां

Thursday, 9 November 2017

ek jangal





   एक जंगल है  तेरी आँखों में , 
जहाँ मैं राह भूल जाता हूँ। 

तू किसी रेल - सी गुज़रती है ,
मैं किसी पुल  -  सा थरथरा जाता हूँ।
                                                  
                                                                               -दुष्यंत कुमार  

No comments:

Post a Comment

Being a human

 इस मृत्युलोक में मानव का सबसे विराट वहम यह है कि वह जो देख रहा उन सब चीजों का मालिक बनना चाहता है और वो भी सदा के लिए। मन में एक लालसा बनी ...