This is my first blog . I hope you will like it. By this blog i wanna share with you many steps of life, experience, memorable moments of the life and manything more related to our valuable life. I will share you all these things with the help of my own composed poems. If you are interested to read them then i welcome you in this CREATIVE POEMS AND THOUGHTS blog.
ये मेरी प्रथम कविता है जो मैंने छात्रावास में रहते हुए लिखी ,हृदय को धैर्य बंधाना मुश्किल हो जाता है जब उसे पता चलता है की उसे अब घर जाने में कुछ ही दिन शेष हैं।
ये मेरी प्रथम कविता है जो मैंने छात्रावास में रहते हुए लिखी ,हृदय को धैर्य बंधाना मुश्किल हो जाता है जब उसे पता चलता है की उसे अब घर जाने में कुछ ही दिन शेष हैं।
मुझे घर जाना है ,
सोच कर मैं खो जाता हूँ
उन प्यारी -प्यारी फिजाओं में ,
जीवन जहाँ व्यतीत हुआ
यूँ अलौकिक कलाओं में ,
जिस धरती की चाह
एक अनमोल खजाना है ,
मुझे घर जाना है
नहीं अब अच्छी लगती
यहाँ की हम -जोलियाँ
चाह है उन माँ के हाँथो की रोटियाँ
पल -पल रुकना भारी लगता है
आसमां भी पीर धर का बनवारी लगता है
मुझे अनुज के हाँथो को चूमना है
मुझे अब घर जाना है
बैठ जाता हूँ पल दो पल
लेकर उन शरारतों को
जब मैं माँ के हांथो पीटा जाता था
अब तो यहाँ सब बेगाना लगता है
मुझे अब घर जाना है
देखता हूँ जब साथियों को
अपने घर जाते हुए
धड़कने उछल पड़ती हैं
आशाएं उमड़ पड़ती हैं
अश्रु बिखर जाते हैं
मयंक तुझे भी घर जाना है
मुझे भी घर जाना है।
Nice piece of work
ReplyDeleteGood...one..
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